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________________ 15 गुणरत्नसूरिजी को माना.... गुणरत्नसूरिजी को माना, गुरूवर चरणों का में दिवाना नाता है यह भक्त का पुराना, गुरूवर चरणों का में दिवाना... पिता हीराचंद माता मनुबाई, जितेन्द्रसूरि के छोटे है भाई, पादरली का भाग्य खिलाना... गुरूवर० हैं प्रेमसूरीश्वर गुरुओं में गुरुवर, भुवनभानु जितेन्द्र कृपा कर, भक्ति का यह जाम पिलाना... गुरूवर० ये पान मसाला है मौत मसाला, सिगरेट और बीडी है, कॅन्सर की सीढी, हमको टीवी जल्दी छुडाना हमको इसकी सोगंध दिलाना.... ये शराब की बोटल है रोगों की होटल, समझो तो पापों की कम होगी टोटल, पापों का यह पीछा छुडाना... ये संसार को छोडो, इन कर्मों को तोडो, मुक्ति मंजिल में ये मुखडे को मोडो, हमको ओघा जल्दी दिलाना... रश्मिका यह गीत बजाना, थोडी थोडी ताली बजाना, सोया मेरा आतम जगाना, उंगली डाले मुंह में जमाना... गुरूवर० गुरूवर० गुरूवर० गुरूवर० Jain Education temational" सिद्धाचल गिरि नमो नमonal मलाल गिरि/नमो नमः” 133 www.jainediyorg
SR No.004225
Book TitleChari Palak Padyatra Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajhans Group of Industries
PublisherRajhans Group of Industries
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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