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________________ मेरे दादा आते हैं... जब कोई नहीं आता मेरे दादा आते हैं, मेरे दुःख मेरी नैय्या चलती है, पतवार नहीं चलती, किसी और की अब मुझको, दरकार नहीं होती.... मैं डरता नहीं जगसे, जब दादा साथ है... जो याद करे उनको, दुःख हल्का हो जाये, जो भक्ति करे उनकी, ये उनके हो जाये, ये बिन बोले कुछ भी पहचान जाते हैं... ये इतने बडे होकर, दीनों से प्यार करे, अपने भक्तों के दुःख को, प्रभु पल में दूर करे, सब भक्तों का कहना, प्रभु मान जाते हैं... मेरे मन के मंदिर में, दादा का वास रहे, के दिनों में वो, बड़े काम आते हैं... कोई पास रहे ना रहे, दादा मेरे पास रहे, मेरे व्याकुल मन को, ये जान जाते हैं..... 6 दादा तेरे चरणों की, थोडी धूल जो मिल जाय, सच कहता हूँ दिलसे, तकदीर संवर जाए... नजरों से गिराना नहीं, चाहे जो भी सजा देना, नजरों से जो गिर जाऊं मुश्किल है संभल पाना... ये मन बडा चंचल है, कैसे तेरा ध्यान करूं, दादा तेरे चरणों की..... जितना इसे समझाऊं उतना ही मचलता हैं... सुनते हैं दया तेरी, दिन रात बरसती हैं.... एक बूंद जो मिल जाये, तकदीर संवर जाए... मेरे इस जीवन की, बस एक तमन्ना है, तुम सामने हो मेरे और प्राण निकल जाए..... मेरे ०१ anneducation Intem "सिद्धाचल गिरि नमो नमः * विमलाचल गिरि नमो नमः” 125 मेरे ०२ मेरे ०३ मेरे ०४ दादा० दादा० दादा० दादा० दादा० www.jainelibrary.org.
SR No.004225
Book TitleChari Palak Padyatra Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajhans Group of Industries
PublisherRajhans Group of Industries
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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