SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 118
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 19 देखी श्री पार्श्वतणी... देखी श्री पार्श्वतणी, मूरति अलबेलडी उज्जवल भयो अवतार रे, मोक्षगामी भवथी उगारजो शिवगामी भवथी उगारजो... मस्तके मुगुट सोहे, काने कुंडलीया गले मोतीनो हार रे... पगले पगले तारां गुणो संभारतां अंतरना विसरे उचाट रे... आपणा दरिशने आत्मा जगाड्यो ज्ञानदीपक प्रगटाव रे ... आत्मा अनंता प्रभु आपे उगारीया तारो सेवकने भवपार रे... 20 मारो धन्य बन्यो आजे अवतार... हे मारो धन्य बन्यो आजे अवतार के मल्या मने परमात्मा, करूं मोंघो ने मीठो सत्कार... श्रद्धाना लीलुडा तोरण बंधावु, भक्तिना रंगोथी आंगण सजावुं. हो... सजे हैयुं सोनेरी शणगार... प्रीतिना मघमघता फूलडे बंधावं, सत्कारे झलहलता दीवडा प्रगटावुं हो... करे मननो मोरलीयो टहुंकार... उरना आसनिये हुं तमने पधरावु, जीवन आखुं तारा चरणे बीतावुं हो... हवे थाशे आतमनो उद्धार ... Jath Education Internatio सिद्धाचल गिरि ममा विमलचल गर 9 के मल्या मने. के मल्या मने. के मल्या मने... नमः 1.16ww.jainalisbrary org
SR No.004225
Book TitleChari Palak Padyatra Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajhans Group of Industries
PublisherRajhans Group of Industries
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy