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________________ 13 मने व्हालुं लागे आदीश्वर नाम.... मने व्हालुं लागे आदीश्वर नाम, तन-मन-धन प्रभुना चरणोमां (२) प्रभुजीना गुणोनो पार नहीं आवे, (२) ध्यान धरूं त्यां सन्मुख आवे, (२) दीनजनोना नाथ छो, सेवकना रखवाल छो (२) तमे मारा चित्तडाना चोर, प्रभुजी अमारा हृदियामा रहेजो (२) आप आवीने मारो हाथ पकडजो (२) तमारो आधार छे, एक ज तारणहार छे (२) तन० Education Internation मने व्हालुं... 14 मारा प्रभुनी आँखे जोई... मारा प्रभुनी आँखे जोई, करुणानी धार रे... लई जाशे सहुने सिद्धशिला मोझार रे... ज्यारे वरसी करुणा, मंदिर केरा स्थानमां; मंदिर बनी गयुं समवसरण धामरे.... ज्यारे वरसी करुणा, अणु परमाणु पर; मंदिर मूर्तिमा थयो, प्रभु केरो वास रे... ज्यारे वरसी करुणा, मानवी ना मन पर; मन थयुं स्थिर धीर, पाम्या केवलज्ञान रे.... ज्यारे वरसी करुणा, नारकीना जीव पर; जीवो सहु शाता पामी, जाशे मुक्ति धाम रे... मने ०.... भक्तोनी लेजो रे संभाल, तन० मने०... भवसागरथी व्हाला अमने उगारजो (२) डुबती बेली ने व्हाला पार उतारजो (२) तमे भक्तोना बेली छो, हैये हेतनी हेली छे (२) सेवकनी लेजो रे संभाल, तन० मने० मारा० १ मारा० २ मारा० ३ मारा० ४ १ Personal & F Use Only 66 “सिद्धाचल गिरि नमो नमः : विमलाचल गिरि नमो नमः” 112 www.jainelibrary.org
SR No.004225
Book TitleChari Palak Padyatra Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajhans Group of Industries
PublisherRajhans Group of Industries
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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