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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
4-6 श्री जिनेश्वर भगवान की 2', 2' , 1.5" की ऊँची प्रतिमा हैं। इन पर कोई
लेख नहीं है। 7. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 11" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2056 माघ कृष्णा
5 का श्री जितेन्द्र सूरि जी म.सा. द्वारा प्रतिष्ठित है। 8. श्री विमलनाथ भगवान की 9" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 2037
का लेख है। 9. श्री जिनेश्वर भगवान की 1.5'' ऊँची पाषाण की प्रतिमा है। इन पर कोई लेख
नहीं है। 10. श्री धरणेन्द्र देव की 1.7" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। 11. श्री सिद्धचक्र यन्त्र 5" गोलाकार है। इस पर सं. 2037 ज्येष्ठ कृष्णा 13 का
लेख है। 12. श्री सिद्धचक्र यन्त्र 6.5" का गोलाकार है। इस पर सं. 2023 का लेख है। 13. श्री अष्टमंगल यंत्र 5" x 3" के आकार का है। इस पर सं. 2065 का लेख
बाहर निकलते समय दाएँ: __ 1. श्री गौमुख यक्ष की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। यह श्री जितेन्द्रसूरि
जी द्वारा प्रतिष्ठित है। ___ 2. श्री नाकौड़ा भैरव की श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं.2037
ज्येष्ठ कृष्णा 10 का लेख है। बाहर निकलते समय बाएँ: 1. श्री चक्रेश्वरी देवी की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई
लेख नहीं है। 2. श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 19' ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख
नहीं हैं। मंदिर के साथ 4 दुकानें व 12 बीघा जमीन है जो समाज के सदस्यों के अधिकार में है जिसका किराया आता है, उससे मंदिर का दैनिक व्यय होता है।
वार्षिकध्वजा ज्येष्ठ कृ.10 को चढ़ाई जाती है। सम्पर्कसूत्र-श्रीराजमलजीभादवियाफोन 01470-245226
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