________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
10. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 4.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1618 मूल संघ
का लेख हैं। 11. श्री आदिनाथ भगवान की 7" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1506 ज्येष्ठ सुदि
4 का लेख है। 12. श्री आदिनाथ भगवान की 6" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर संवत् 1524
वैशाख सुदि 5 का लेख है। 13. श्री शांतिनाथ भगवान की 6" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 1469 का
लेख है। 14. श्री अजितनाथ भगवान की 7" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1572 फाल्गुण
सुदि 8 का लेख है। 15. श्री श्रेयांसनाथ भगवान की 7" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1525 माघ वदि 6
का लेख है। 16. श्री शासन देव चैत्यालय का ताम्बे का यंत्र गोलाकार 7" का है। 17. श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 4.5" का है। इस पर वीर सं. 2511 का लेख है। 18-19 श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है। इस पर वीर सं. 2511 पोष वदि 6
का लेख है। मंदिर के बाहर भाग के एक आलिए में श्री माणिभद्र जी 24'' ऊँची प्रतीक प्रतिमा है। इसी वर्ष सं. 2066 वैशाख सुदि 3 सोमवार को जीर्णोद्धार कराया गया है। मंदिर की 11 बीघा जमीन है जो यति परिवार के पास है।
वार्षिकध्वजावैशाख सुदि 3 को चढ़ाई जाती है। समाज की ओर से देखरेख श्रीमुकेशजीजैन द्वारा की जाती है। सम्पर्कसूत्रः श्रीमती उषाजैन, फोन 01475-232113, 97846 99312
Jain Education International
For Personas
Use Only
(72)
www.jainelibrary.org