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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 इन तीनों प्रतिमाओं पर 2040 पोष कृष्णा 5 का लेख है। वेदी की दीवार के मध्य में प्रासाद देवी की 7' ऊँची प्रतिमा है। उत्थापित धातु की प्रतिमाएंव यंत्र 1. श्री नेमिनाथ भगवान की चतुर्विशंति 12" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2040 का लेख है। 2. श्री महावीर भगवान की 10.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2040 का लेख है। श्री वासुपूज्य भगवान की 5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2053 का लेख है। श्री शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा है। श्री सिद्धचक्र यंत्र ताम्बे का 6.5" x 3.5” का है। इस पर कोई लेख नहीं श्री सिद्धचक्र यंत्र 5" गोलाकार है। इस पर संवत् 2040 का लेख है। 7. श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है। इस पर संवत् 2040 का लेख है। 8. श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3' का है। इस पर संवत् 2040 का लेख है। श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2040 का लेख है। उपाश्रय बना हुआ है। वार्षिक ध्वजा वै. शु. 13 को चढ़ाई जाती है। इसकी देखरेख समाज द्वारा की जाती है जिसके अध्यक्ष श्री हीरालाल जी दोशी है सम्पर्कसूत्र-01472-241018 Jain Education International For Perpong Pyate Use Only www.jainelibrary org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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