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________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर सेंती, चित्तौड़गढ़ wwwwwww000000 100000000000000 TIMIMOONamod 1000000MM DOMMO यह घुमटबंद मंदिर चित्तौड़गढ़ रेल्वे स्टेशन से 2 किलोमीटर (उदयपुर सड़क मार्ग पर) दूर स्थित है। यह नूतन 25 वर्षप्राचीन मंदिर है। इसकी भा मि श्री हीरालाल जी दोशी व श्री आनन्दीलाल जी नागौरी ने ने राज्य सरकार से धर्म कार्य के लिए आवंटन कराई जिसके फलस्वरूप यहां पर आस-पास ही शिव, हनुमान, गायत्री मंदिर उपाश्रय, स्थानक भी हैं। इस मंदिर की प्रतिष्ठा संवत् 2041 दिनांक 3.05.1985 को श्री जितेन्द्रविजयजी म.सा.द्वारा सम्पन्न हुई। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित है : 1. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) पिंक पाषाण की 19' ऊँची प्रतिमा है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा 3. श्री महावीर भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। Ja Education International For Personaxevate Use Only 47 www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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