________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
निज मंदिर के बाहर की ओर:
गरूड़ यक्ष की श्वेत पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2017
कार्तिक सुदि 12 का लेख है। 2. निर्वाणी देवी की श्वेत पाषाण की 9' ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2017
फागुण का लेख है। किले पर रणवीर द्वारा बनाई दीवार अलाउद्दीन खिलजी के समय मंदिर व भवनों को नष्ट किये गये (वि.सं. 1332) पत्थर द्वारा बनवाई गई। यहां पर एक लेख रत्नसिंह श्रावक ने शांतिनाथ भगवान का मंदिर निर्माण के बारे में उल्लेख है। समधर के पुत्र महणसिंह की भार्या साहिणी की पुत्री कुमारीया श्राविका ने पितामह ढाडा के श्रेयोर्थ देवकुलिका बनाई। ये चैत्यालय कौनसा है, स्पष्ट नहीं है।
इसका जीर्णोद्धार सं. 1990 का होने का शिलालेख है। इसका संचालन सातबीस देवरी जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट द्वारा संचालित है। सातबीस मंदिर ट्रस्ट के सम्पर्क सूत्र ही प्रयोग में लिये जाते हैं।
वार्षिकध्वजामाघ सुदी 13 को चढ़ाई जाती है।
यदि जगत में 'गेस्ट' की हैसियत से रहना आ गया तो मानो पूरा
जगत आपका अपना है।
Jain Education International
Forker2618)Private Use Only
www.jainelibrary.org