________________
卐
श्री सुपार्श्वनाथ भगवान का मंदिर (सातबीस मंदिर परिसर)
यह शिखरबंद मंदिर श्री आदिनाथ मंदिर के पीछे दक्षिण की ओर स्थित है। यह मंदिर 15वीं शताब्दी का निर्मित है। ऐसा उल्लेख है कि यह मंदिर श्री कर्मसिंह ( कर्माशाह दोशी) ने निर्माण कराया, कालान्तर में यह पार्श्वनाथ' भगवान का मंदिर में परिवर्तित हुआ है । (यह लेखक की मान्यता है ) मंदिर के बाहर कलात्मक तोरण बना
है । इस मंदिर की प्रतिष्ठा श्री विद्या मंडन मुनि ने कराई । यह 15वीं शताब्दी का मंदिर है ।
इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित है :
1.
2.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
Jain Education International
श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की प्रतिमा हैं इस पर संवत् 1847 वैशाख सुद 15 का लेख है ।
श्री सुपार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की (पांच नाग छत्र का) 11" ऊँची प्रतिमा है। यह प्रतिमा उदयपुर के समीप थूर ग्राम से यहां पदराई गई थी, कथनानुसार इस पर स. 1020 का लेख था, वर्तमान में दिखाई नहीं देता है, संभवत पीछे की ओर हो । प्रतिमा पर
RENDIN
For Personal P20te Use Only
www.jainelibrary.org