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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर (सातबीस मंदिर परिसर)
यह शिखरबंद मंदिर श्री आदिनाथ भगवान के मंदिर के पीछे ही उत्तर दिशा में स्थित है। ऐसा उल्लेख है कि यह मंदिर श्री रतना दोशी द्वारा निर्मित है। श्री रत्ना शाह कर्माशाह के ज्येष्ठ भ्राता थे। इस मंदिर की प्रतिष्ठा श्री विद्या मंडन मुनि ने कराई । यह 15वीं शताब्दीकामंदिर है। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित है : 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान (मूलनायक)
की श्याम पाषाण की 19' ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट
लेख है। 2. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक के दाए) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची
प्राचीन प्रतिमा है। इस पर सं. 2005 माह वदि 5 का लेख है। 3. श्री सम्भवनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण
की 13" ऊँची प्रतिमा है। उत्थापित धातु की प्रतिमाएं एवं यंत्रः 1. श्री चतुर्विशंति 12" ऊँची
प्रतिमा है। इस पर दिनांक 15. 02.09 का लेख है। अष्टमंगल यंत्र 5" x 3' के आकार का है। इस पर स. 2065 का लेख है।
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