SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 254
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 d. PORTANTANTRA 10000000000000000000 HOODCODCOLORDER 000000000000 1100000000000000000000 0000000TRiedo 111118HHIA 00RONTARIODOI HOOCLCMOMORE श्रीआदिनाथ भगवान का मंदिर, कनोरा यह घूमटबंद मंदिर प्रतापगढ़ से 15 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर श्री आदिनाथजैन श्वेताम्वर मन्दिर (सदस्यों के कथनानुसार) 200 वर्ष करीब प्राचीन है। प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख के आधार पर भी लगभग सही प्रतीत होता है। मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित है : ___1. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1931 माध सुदि 10 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्याम पाषाण की 13" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर सं. 1870 का लेख है। 3. श्री जिनेश्वर भगवान (सुमतिनाथ) की श्याम पाषाण की 7" ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। उत्थापित चल प्रतिमाएंव यंत्र धातु की: 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 5" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1752 का लेख है। 2. श्री सिद्धचक्र यंत्र ताम्बे का। गोलाकार 3" का है। बाहर: श्री गौमुख यक्ष की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री चक्रेश्वरी देवी की श्वेत पाषाण की 10” ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। Jain Education International For Persyar ate Use Only www.jainelibrary.org (236)
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy