________________
पद्मावती प्रतिमा के दाई ओर :
TO 1.
2.
बाई ओर :
1.
2.
Jajntion International
1.
श्री ऋषभदेव भगवान की श्वेत पाषाण की 9 ऊंची प्रतिमा है
1
श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊंची प्रतिमा है । इस पर सं. 1905 माघ शु. 5 का लेख है।
श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत
पाषाण की 21" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1905 माध शु. 5 का लेख है।
I
श्री जिनेश्वर भगवान की श्वेत पाषाण की 8” ऊंची प्रतिमा है । कोई लेख नहीं है।
श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 4" ऊंची प्रतिमा है। कोई लेख नही है।
उत्थापित चल प्रतिमाएं व यंत्र धातु की :
:
1.
सिद्धचक्र यंत्र 1 व 5 प्रतिमाएं विभिन्न नाप व समय की है। पट्ट मंदिर में :
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
ROCCOL
श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 9 ऊंची प्रतिमा है। सिद्धचक्र पट्ट स्थापित है। इसके बाहर - शत्रुन्जय तीर्थ, चम्पापुरी तीर्थ, पावापुरी तीर्थ सम्मेद शिखर जी तीर्थ के पट्ट है।
For Persone
यहां पर मुख्य मंदिर के बाईं ओर दो मंजिला उपाश्रय, ज्ञान भण्डार, आयंबिल शाला, साधु भगवंतो के विश्राम गृह के कमरे निर्मित है। इसके साथ साथ विशाल प्रांगण है।
मंदिर के साथ बाग व कुआ भी निर्मित है । वार्षिक ध्वजा चढ़ाई जाती है ।
इस मंदिर की देखरेख हुमड़ समाज द्वारा की जाती है। श्री इन्द्रमल जी दलाल अध्यक्ष है । सम्पर्क सूत्र : 01477-222081, 222681
215
Ne Use Only
www.jainelibrary.org