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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
3. श्री सुमतिनाथ भगवान की 6'' ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं.
1499 माघ सुदि 6 का लेख है। श्री सिद्धचक्र गोलाकार 6" का है। इस पर सं. 2045 का लेख है। श्री सिद्धचक्र श्वेत गिलट का 6" गोलाकार है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 2" ऊँची प्रतिमा है। इस पर
कोई लेख नहीं है। 7. श्री यक्षदेव की श्याम पाषाण की 2" ऊँची प्रतिमा है। सभामण्डप में:
1. श्री पद्मावती देवी की श्याम पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। 2. श्री रत्नप्रभ सूरि जी की श्वेत पाषाण की प्रतिमा है।
दीवार पर निम्न चित्रपट्ट बने हैं – राजगिरी तीर्थ, पावापुरी, हस्तिनापुर, नंदीश्वर द्वीप, अष्टापद तीर्थ, सम्मेद शिखर जी, नेमिनाथ भगवान की बारात का दृश्य, शत्रुजंय तीर्थ, नारकीय जीवों का उल्लेखित चित्र, भोमिया जी, नाकोड़ा भैरव जी
मंदिर की 0.75 बीघा जमीन व दो दुकाने हैं। वार्षिकध्वजा नहीं चढ़ाईजाती है, विचार विमर्श चल रहा है। समाज की ओर से व्यवस्था श्रीनाथूलाल जीछाजेड़ द्वारा की जाती है। सम्पर्क सूत्र-01477-241646,9351971314
जो मार डालने का विचार करता है, वह भगवान का गुनहगार है और जो मार डालता है, वह जगत का गुनाहगार है।
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