________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री सुपार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, सिंहपुर
यह शिखरबंद मंदिर चितौड़गढ़ से 10 किलोमीटर व कपासन से 17 किलोमीटर दूर ग्राम के मध्य में स्थित है। यह झामड़ परिवार द्वारा सं. 1626 में (440 वर्ष पूर्व) निर्माण कराया। प्रतिमा पर सं. 1626 उत्कीर्ण है। अतः यह मंदिर 40 वर्ष प्राचीन है।
श्री
सेलिर, Imपूर
इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं :
श्री सुपार्श्वनाथ भगवान की 80 (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1626 का लेख है। श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्याम पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत 2045 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्याम पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है । इस पर सं. 2038 का लेख है। उत्थापित चल प्रतिमाएं व यंत्र धातु
श्री कुंथुनाथ भगवान की चतुर्विशंति 12" ऊंची है। इस पर सं. 2045 वै. शु. 5 का लेख है। श्री जिनेश्वर भगवान की 8.5" ऊंची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 2066 का लेख है। श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 6" का है। इस पर सं. 2065 वै. शु. 5 का लेख है।
3.
Education International
www.jainelibrary.org
tional
(155)vale Use Only