SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 165
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International 60. 61. 62. 63. 64 65 66. मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 पुत्र श्री कल्याण पार्श्वनाथ कारापिंत प्रतिष्ठितं श्री वरकाणा पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है – मेदपाटे करहेटक करेड़ा तीर्थ उदयपुर निवासी प्राग्वाट श्री चतरसिंह गोरवाडा धर्मपत्नि गुलाबबाई श्राविकया साध्वी श्री विमला श्री सदुपदेशन श्री वरकाणा पार्श्वनाथ जिन बिंब मिंद श्रेयसे कारापिंत प्रतिष्ठित तपा. श्री सम्मेदशिखरजी पार्श्वनाथ की श्याम पाषाण की 31" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है- सादडी निवासी ओसवाल श्रेष्ठि श्री गुलाबचन्द, माणकचन्द सुपुत्र सोहनलाल सहितेन श्री मुनि भूषण श्री वल्लभदत्त विजय सदुपदेशन कारापिंत श्री श्री मक्षी पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है । इसके नीचे यह लेख है - सादड़ी निवासी प्राग्वाट श्रेष्ठि श्री देवीलाल पुत्र श्री शेषमल स्वपुत्र कपूरचन्द राजमल दिलीप, महेन्द्र, प्रवीण, प्रदीप, भरत, सहितेन श्री मक्षी पार्श्वनाथ जिन बिंब मिदं कारापिंत प्रतिष्ठित श्री नागेन्द्र पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है करेडा तीर्थ उदयपुर निवासी प्राग्वाट श्रेष्ठि श्री कालूलालजी मारवाड़ी सद्भार्या भूरबाई पुत्र रिखबलाल पुत्र प्रतापसिंह, मनोहरसिंह, भगवतीलाल, जसवन्तसिंह, सुखलाल भार्या तीजबाई श्री नागेन्द्र पार्श्वनाथ कारापिंत प्रतिष्ठितं । श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - प्रागवाट श्री मगनलाल बनोलिया श्रेष्ठिना धर्मपत्नि श्रीमती भूरबाई श्राविकया स्वश्रेयसे साध्वी श्री कीर्ति - • सदुपदेशन श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ कारापिंत प्रतिष्ठितं श्री स्तम्भन पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - सुमेरपुर निवासी प्राग्वाट श्रेष्ठि श्री हीराचन्दजी धर्मपत्नि श्रीमती भागवन्ती श्राविकया स्वश्रेयसे श्री स्तम्भन पार्श्वनाथ For Personal & 147s only. www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy