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4.
5.
1.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
2.
उत्थापित चल प्रतिमाएँ एवं यंत्र :
श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक के दाएं ) श्वेत पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1545 माघ सूदि 11 का लेख है ।
श्री शांतिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर चरिता पढ़ने में आता है । मूलनायक की प्राचीन प्रतिमा को श्री महाराज सा. अपने साथ ले गए।
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श्री जिनेश्वर भगवान की चतुर्विंशती 12" ऊँची प्रतिमा है। इस पर दिनांक 15.11.08 का लेख है ।
श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 6" का है। इस पर संवत् 2043 कार्तिक कृष्णा 5 का लेख है।
बाहर सभा मण्डप के आलिए में:
क्षेत्रपाल की 10 व 6" की प्रतीक मूर्तिएं हैं। मंदिर की तीन दुकाने हैं ।
वार्षिक ध्वजा संवत्सरी पर्व के दिन चढ़ाई जाती है ।
समाज की ओर से मंदिर की देखरेख श्री छगनलाल जी चोराड़िया करते हैं । सम्पर्क सूत्र- 01476-283558
सात्विक आहार हो तो सात्विक गुण में रहा जा सकता है।
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