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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर, आकोला (ताणा)
I
- यह घूमटबंद मंदिर भूपालसागर 21 (करेड़ा ) से 10 किलोमीटर दूर है। यह
मंदिर 425 वर्ष प्राचीन बताया गया। उल्लेखानुसार यह मंदिर पार्श्वनाथ का संवत् 1990 का निर्मित है।वर्तमान में श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर है। पास में
लक्ष्मीनाराण जी का व दिगम्बर मंदिर भी है।प्रतिमा पर उत्कीर्ण समय के आधार पर करीब 500 वर्ष प्राचीन है।यह द्वितीय श्रेणी का ठिकानारहाहै और यहां के शासकबड़ीसादड़ी के झालानाथसिंह के वंशज हैं।इनकीराणा की उपाधि है। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा
है। इस पर संवत् 1931 शाके 1796 माघ शुक्ला 10 चन्द्रवासरें का लेख
3.
श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1545 का लेख है। श्री जिनेश्वर भगवान (सम्भवतया महावीर भगवान) की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1548 का लेख है।
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