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________________ 2. 3. ain Education International श्री मुनिसुव्रत भगवान का मंदिर, कपासन इस पर कोई लेख नहीं है । श्री संभवनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर पीछे की ओर लेख वदि .. है । संवत् . पढ़ने में आता है। श्री महावीर भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा हैं इस पर संवत् 2025 का लेख है I मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 For Personal & Pavate Use Only 119) COMED यह शिखरबंद मंदिर चित्तौडगढ़ से 25 किलोमीटर व रेल्वे स्टेशन से 3 किलोमीटर दूर ग्राम के मध्य में स्थित है। बस का साधन है। यह मंदिर 600 वर्ष प्राचीन बतलाते हैं। उल्लेखानुसार सं. 1720 का निर्मित है, लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। बनावट के आधार पर यह मंदिर 500 वर्ष प्राचीन होना चाहिये । मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. श्री मुनिसुव्रत भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्राचीन प्रतिमा हैं । www.jainelibrary.org
SR No.004220
Book TitleMewar ke Jain Tirth Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Bolya
PublisherAthwa Lines Jain Sangh
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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