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________________ २६० दीक्षा दानेश्वरी युवक जागृति प्रेरक आचार्यदेव श्री गुणरत्नसूरीश्वरजी महाराजा आज की युवापीढ़ी समाज की रीढ़ है... उसको भोगविलासिता की धुन खोखला बनाये जा रही है... फलस्वरूप अशांत युवा पूरे समाज को अशांत बना रहा है । विश्व अशांति की टाटा भट्टी में अपने सह अस्तित्व का संतुलन खो बैठा है... इस विषम परिस्थिति से विश्वनागरिक Top से Bottom सभी वाकिफ है मगर अकर्मण्यता ने सभी को जकड़ रखा है... कुछेक अपवादों को छोड़कर ? उन्हीं अपवादों में एक महाशक्ति है विश्वशांति प्रणेता युवक जागृति प्रेरक दीक्षा दानेश्वरी आचार्य देव श्रीमद्विजयगुणस्न सूरीश्वरजी महाराजा ? जिनकी रग-रग में युवा शक्ति के प्रति प्यार है... युवाओं में रहे हुए हर उज्ज्वल पहलुओं से जिन्हें बेहद लगाव है... इन युवाओं के माध्यम सेही अहिंसक व्यसनमुक्त नवयुग निर्माण का जिन्हें विराट स्वप्न है... विश्व शांति के जो प्रबल पक्षधर है... अनेक युवकयुवतियों को जिन्होंने प्रभु महावीर के त्यागमय पथ में दीक्षित किया है... कर रहे हैं... अनेक पतितों के जो सफल मार्गदर्शक बने हैं... ऐसे पूज्य गुरुदेव को कोटीश: वंदन ! Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004218
Book TitleBhrun Hatya Maha Paap Bachao Bachao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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