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॥ ॐ नमः ॥
श्रीमद् राजचंद्रजी एवं यो. यु. श्री सहजानंदघनजी प्रणीत
श्री
भक्ति कर्त्तव्य
( लालाजी श्री रणजीत सिंह जी कृत वृहत् आलोचना से युक्त )
प्रेरक :
पू. आत्मज्ञा माताजी श्री धनदेवीजी
सम्पादक :
प्रा. प्रतापकुमार ज. टोलिया
एम. ए. (हिन्दी); एम. ए. ( अंग्रेजी), साहित्यरत्न
प्रकाशक :
श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम
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रत्नकूट, हम्पी - ५८३२१५ पो. कमलापुरम, वाया: रे. स्टे. होस्पेट जिला : बेल्लारी, कर्नाटक (मैसूर)
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