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(ख) (ठा + हि+सि) = ठाहिसि = (तुम) ठहरोगे / ठहरोगी। (भ.म.पु.एक.) ( हो + हि+सि) = होहिसि = (तुम) होओगे / होओगी। (भ.म.पु.एक.)
12.
मध्यम पुरुष बहुवचन 2/2
अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के अर्थ में विकल्प से 'स' प्रत्यय जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात् वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन का 'हु' प्रत्यय जोड़ दिया जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। जैसे
( हस+स+हु) = हसिसह / हसेसहु = (तुम दोनों / तुम सब ) हँसोगे / हँसोगी। (भ.म.पु.बहु.) (ठा+स+हु) = ठासहु = (तुम दोनों / तुम सब ) ठहरोगे / ठहरोगी। (भ.म.पु.बहु.) (हो+स+हु) = होसहु = (तुम दोनों / तुम सब ) होवोगे / होवोगी। (भ.म.पु.बहु.) इसके अतिरिक्त भविष्यत्काल के अर्थ में उपर्युक्त क्रियाओं में प्राकृत भाषा के अनुसार 'हि' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात् प्राकृत भाषा के अनुसार वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन के ‘ह और इत्था' प्रत्यय तथा शौरसेनी भाषा के अनुसार 'ध' प्रत्यय भी जोड़ दिया जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' और 'ए' हो जाता है । जैसे
(हस + हि+ह) = हसिहिह / हसेहिह = (तुम दोनों / तुम सब ) हँसोगे/हँसोगी। (भ.म.पु. बहु (ठा+हि+ह) = ठाहिह = (तुम दोनों / तुम सब ) ठहरोगे / ठहरोगी । (भ.म.पु.बहु.) (हो+हि+ह) = होहिह = (तुम दोनों / तुम सब ) होवोगे / होवोगी। (भ.म.पु.बहु.)
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अपभ्रंश - हिन्दी-व्याकरण
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