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कं (कौन,क्या)(नपुं.) (क+हिं) = कहिं (सप्तमी एकवचन) एक्क (एक)(नपुं.) (एक्क+हिं) = एक्कहिं (सप्तमी एकवचन) .
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(क)
अकारान्त सर्वनाम (पु., नपुं.) षष्ठी एकवचन 6/1 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग ज, त और क सर्वनामों के षष्ठी विभक्ति एकवचन में 'आसु' प्रत्यय विकल्प से जोड़ा जाता है। जैसे
___ अकारान्त सर्वनाम (पु.) षष्ठी एकवचन 6/1 ज (पु.) (ज+आसु) = जासु (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - ज, जा, जहो, जाहो, जस्सु (षष्ठी एकवचन) त (पु.) (त+आसु) = तासु (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप- त, ता, तहो, ताहो, तस्सु (षष्ठी एकवचन) क (पु.) (क+आसु) = कासु (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - क, का, कहो, काहो, कस्सु (षष्ठी एकवचन)
(ख)
अकारान्त सर्वनाम (नपुं.) षष्ठी एकवचन 6/1 ज (नपुं.) (ज+आसु) = जासु (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - ज, जा, जहो, जाहो, जस्सु (षष्ठी एकवचन) त (नपुं.) (त+आसु) = तासु (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - त, ता, तहो, ताहो, तस्सु (षष्ठी एकवचन) क (नपुं.) (क+आसु) = कासु (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - क, का, कहो, काहो, कस्सु (षष्ठी एकवचन)
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(26)
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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