________________
तृतीया
विभक्ति
अपभ्रंश भाषा में संज्ञा में आठ विभक्तियाँ होती हैं और सर्वनाम में सात विभक्तियाँ होती हैं। सर्वनाम में संबोधन विभक्ति नहीं होती है।
विभक्ति प्रत्यय-चिह्न प्रथमा द्वितीया को
से, (के द्वारा) चतुर्थी के लिए
से (पृथक् अर्थ में) 6. षष्ठी का, के, की 7. सप्तमी में, पर 8. सम्बोधन हे
अपभ्रंश भाषा में चतुर्थी विभक्ति और षष्ठी विभक्ति में एक जैसे प्रत्यय होते हैं। क्रिया
अपभ्रंश भाषा में दो प्रकार की क्रियाएँ होती हैं- सकर्मक और अकर्मक।
लं + vio
पंचमी
काल
अपभ्रंश भाषा में चार प्रकार के काल वर्णित हैं1. वर्तमानकाल 2. भूतकाल 3. भविष्यत्काल 4. विधि एवं आज्ञा
अपभ्रंश भाषा में भूतकाल को व्यक्त करने के लिये भूतकालिक कृदन्त का प्रयोग बहुलता से किया गया है। शब्द
अपभ्रंश भाषा में छह प्रकार के शब्द पाए जाते हैं1. अकारान्त 2. आकारान्त 3. इकारान्त 4. ईकारान्त 5. उकारान्त
6. ऊकारान्त
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org