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प्रथमा
द्वितीया
तृतीया
आकारान्त स्त्रीलिंग - सव्वा (सब) एकवचन
बहुवचन सव्वा, “सव्व
सव्वा, सव्व, सव्वाउ, (सब, सबने)
"सव्वउ, सव्वाओ, सव्वओ
(सबने) सव्वा, "सव्व
सव्वा, “सव्व, सव्वाउ, (सबको)
"सव्वउ, सव्वाओ, “सव्वओ
(सबको) सव्वाए, सव्वए
सव्वाहि, सव्वहिं (सबसे, सबके द्वारा)
(सबसे, सबके द्वारा) सव्वा, 'सव्व
सव्वा, 'सव्व सव्वाहे, *सव्वहे,
सव्वाहु, “सव्वहु (सबके लिए)
(सबके लिए) (सबका, सबकी, सबके)
(सबका, सबकी, सबके) सव्वाहे, 'सव्वहे
सव्वाहु, 'सव्वहु (सबसे)
(सबसे) सव्वाहिं, 'सव्वहिं
सव्वाहिं, सव्वहिं (सबमें, सब पर)
(सबमें, सब पर)
चतुर्थी
षष्ठी
पंचमी
सप्तमी
बहुवचन
त, ता
पुल्लिंग - त (वह) एकवचन प्रथमा स, 'सा, सु, सो, त्रं, तं
(वह, उसने) द्वितीया त्रं, तं .
(उसे, उसको) .. तृतीया तें, तेण, तेणं
(उससे, उसके द्वारा) चतुर्थी त, “ता, तासु, व षष्ठी . तहो, ताहो, तस्सु
(उसके लिए)
(उसका, उसकी, उसके) . पंचमी तहां, ताहां
(उस से) . सप्तमी तहिं, ताहिं
(उसमें, उस पर)
(वे, उन्होंने) त, “ता (उन्हें, उनको) तहिं, ताहिं, तेहिं (उनसे, उनके द्वारा) त, "ता, तह, 'ताहं (उनके लिए) (उनका, उनकी, उनके)
तहुं, ताहुं (उन से) तहिं, ताहिं (उनमें, उन पर)
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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