________________
अजरामरु ( अजर-अमर )
नियम 2.1- कम्मधारय समास ( कर्मधारय समास ) दिढ - वन्धणाई (कठोर बन्धन)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास )
घर-दाराइं (घर और पत्नी)
नियम 1 - दंद समास (द्वन्द्व समास )
अण्ण-दिणे (दूसरे दिन )
नियम 2.1 - कम्मधारय समास ( कर्मधारय समास ) अत्थाण - मग्गो ( सभास्थान का पथ )
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास ) चिन्तावण्णु ( चिन्ता में डूबे हुए)
नियम 2 - सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास ( सप्तमी तत्पुरुष समास ) तुरङ्गम-णाएहिं (घोड़े और हाथी पर )
नियम 1 - दंद समास (द्वन्द्व समास )
हियव (मन की अवस्था में)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास )
पाठ 2 - पउमचरिउ
सुई - सिद्धन्त-पुराणेहिं (श्रुति, सिद्धान्त और पुराणों द्वारा) नियम 1 - दंद समास (द्वन्द्व समास )
दुट्ठ - कलत्तु (दुष्ट स्त्री)
. नियम 2.1 - कम्मधारय समास ( कर्मधारय समास ) बहु-दुक्खाउरु (बहुत दुःखों से पीड़ित )
नियम 2 - तइया विभत्ति तप्पुरिस समास (तृतीया तत्पुरुष समास )
दुग्ग - कुडुम्बु ( दरिद्र कुटुम्ब )
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास )
विसयासत्तु (विषय में आसक्त)
नियम 2
अपभ्रंश-व्याकरण एवं छंद - अलंकार अभ्यास उत्तर पुस्तक
Jain Education International
सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास ( सप्तमी तत्पुरुष समास )
For Personal & Private Use Only
13
www.jainelibrary.org