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शिक्षक के अभाव में अध्ययनार्थी 'प्राकृत - व्याकरण' के अभ्यासों को हल करके जाँचने में समर्थ नहीं हो सकते हैं। अतः इस कठिनाई को दूर करने के लिए 'प्राकृत - व्याकरण' के अभ्यासों को हल करके 'प्राकृतव्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक' की रचना की गई है, जिससे अध्ययनार्थी अभ्यासों को स्वयं जाँच सके। आशा है 'प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर. पुस्तक' प्राकृत अध्ययनार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी । .
श्रीमती शकुन्तला जैन ने बड़े परिश्रम से 'प्राकृत - व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक' को तैयार किया है जिससे अध्ययनार्थी प्राकृत भाषा को सीखने में अनवरत उत्साह बनाये रख सकेंगे। अतः वे हमारी बधाई की पात्र हैं।
पुस्तक प्रकाशन के लिए अपभ्रंश साहित्य अकादमी के विद्वान एवं पृष्ठ संयोजन के लिए फ्रेण्ड्स कम्प्यूटर्स के हम आभारी हैं । मुद्रण के लिए जयपुर प्रिण्टर्स प्रा. लि. धन्यवादाह है।
जस्टिस नगेन्द्र कुमार जैन प्रकाशचन्द्र जैन डॉ. कमलचन्द सोगाणी मंत्री
अध्यक्ष
संयोजक
'जैनविद्या संस्थान समिति
जयपुर
प्रबन्धकारिणी कमेटी
दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी
तीर्थंकर पद्मप्रभु मोक्ष कल्याणक दिवस
फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी
वीर निर्वाण संवत्-2538
11.02.2012
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