________________
मुहपेक्खणेण (मुख देखने से)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) वयणजुत्तीए (वचनयुक्ति से)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) मुहदसणं (मुखदर्शन ने)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास)
पाठ 10-विउसीए पुत्तबहूए कहाणगं . अट्ठवासा (आठ वर्ष की)
___ नियम 2.2- दिगु समास (द्विगु समास) पिउपेरणाए (पिता की प्रेरणा से)
नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) सव्वण्णधम्मसवणेण (सर्वज्ञ के धर्म के श्रवण से)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) ससुरगेहे (ससुर के घर में)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) धम्मोवएसो (धर्म का उपदेश)
. नियम 2- छठ्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास) हिययगयभावं (हृदय में उत्पन्न भाव को)
नियम 2-सत्तमी विभत्ति तप्पुरिस समास (सप्तमी तत्पुरुष समास) वीसवासेसु (बीस वर्ष)
नियम 2.2- दिगु समास (द्विगु समास) बारसवासा (बारह वर्ष)
नियम 2.2- दिगु समास (द्विगु समास) असच्चमुत्तर (असत्य उत्तर)
नियम 2.1- कम्मधारय समास (कर्मधारय समास) मरणसमयस्स (मरण समय का)
नियम 2- छट्ठी विभत्ति तप्पुरिस समास (षष्ठी तत्पुरुष समास)
26
प्राकृत-व्याकरण अभ्यास उत्तर पुस्तक
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org