________________
अनुक्रमणिका
18-27
28
विषय
पृ. सं. प्रकाशकीय छन्द [खण्ड 1] .
1- 2 मात्रिक छन्द :- पद्धडिया, सिंहावलोक, पादाकुलक, वदनक, दोहा, 3 - 13
चन्द्रलेखा, आनन्द, गाहा, खंडयं, मधुभार, दीपक, करमकरभुजा, मदनविलास, जम्भेटिया, कुसुमविलासिका, अमरपुरसुन्दरी, चारुपद,
गंधोदकधारा, अडिल्ल [अलिल्लह], उप्पहासिनी वर्णिक छन्द :- मालती, दोधक, तोट्टक, मौक्तिकदाम, वसन्तचत्वर, 13 - 17
पंचचामर अभ्यास :- क, ख, ग, घ अलंकार शब्दालंकार :- . अनुप्रास, यमक, श्लेष
28 - 30 अर्थालंकार :- उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, विभावना, विरोधाभास, 30 - 34
. सन्देह, भ्रान्तिमान अभ्यास :- क, ख .. छन्द [खण्ड 2] मात्रिक छन्द :- रयडा, विलासिनी, मत्तमातंग, निध्यायिका, चउपही, 40 - 49
मदनावतार, सारीय, शशितिलक, मंजरी, रासाकुलक, शालभंजिका, हेलाद्विपदी, कामलेखा, दुवई, आरणाल,
लताकुसुम, तोमर वर्णिक छन्द :- सोमराजी, स्रग्विणी, समानिका, चित्रपदा,
49 - 53 भुजंगप्रयात, प्रमाणिका अभ्यास :- क, ख, ग, घ
54 - 62
35-39
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org