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(कर+आव) = कराव (कराना) (कर+आव) = करावे (कराना) क्रियाओं में प्रेरणार्थक प्रत्यय जोड़ने के पश्चात कालों के प्रत्यय जोड़ने से विभिन्न कालों के सकर्मक प्रेरणार्थक रूप बन जाते हैं। जैसे
__ हस = हँसना (अकर्मक क्रिया)
वर्तमानकाल अन्य पुरुष एकवचन 3/1 (i) हासइ आदि (ii) हासेइ आदि (iii) हसावइ आदि (iv) हसावेइ आदि
= हँसाता है/हँसाती है। भूतकाल अन्य पुरुष एकवचन 3/1 (i) हासीअ आदि (ii) हासेईअ आदि (iii) हसावीअ आदि (iv) हसावेईअ
आदि = हँसाया। भविष्यत्काल अन्य पुरुष एकवचन 3/1 . (i) हासिहिइ आदि (ii) हासेहिइ आदि (iii) हसाविहिइ आदि (iv) हसावेहिइ आदि = हँसायेगा/हँसायेगी।
विधि एवं आज्ञा अन्य पुरुष एकवचन 3/1 (i) हासउ आदि (ii) हासेउ आदि (iii) हसावउ आदि (iv) हसावेउ आदि
____ = हँसावे।
कर = करना (सकर्मक क्रिया)
वर्तमानकाल, अन्य पुरुष एकवचन 3/1 (i) कारइ आदि. (ii) कारेइ आदि (iii) करावइ आदि (iv) करावेइ
___ आदि = करवाता है/करवाती है। भूतकाल, अन्य पुरुष एकवचन 3/1 (i) कारीअ आदि (ii) कारेईअ आदि (iii) करावीअ आदि (iv) करावेईअ
आदि = करवाया। उपान्त्य अर्थात् क्रिया के अन्त का पूर्ववर्ती स्वर।।
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प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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