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13.
प्राकृत भाषा में अस (होना) अकारान्त क्रिया के भूतकाल के उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष तथा अन्य पुरुष एकवचन व बहुवचन में 'आसि और अहेसी' होते हैं। जैसे
अस (भूतकाल) एकवचन
बहुवचन आसि, अहेसी आसि, अहेसी आसि, अहेसी आसि, अहेसी आसि, अहेसी आसि, अहेसी
पुरुष
उत्तम
मध्यम
अन्य
भविष्यत्काल
उत्तम पुरुष एकवचन 1/1 14. (क) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में
भविष्यत्काल के उत्तम पुरुष एकवचन में 'हि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष एकवचन का 'मि' प्रत्यय भी जोड़ दिया जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। जैसे(हस+हि+मि). = हसिहिमि, हसेहिमि = (मैं) हँसूंगा/ हँसूंगी। (भवि.उ.पु.एक.) (ठा+हि+मि) = ठाहिमि = (मैं) ठहरूँगा/ठहरूँगी। (भवि.उ.पु.एक.) (हो+हि+मि) = होहिमि = (मैं) होऊँगा/होऊँगी। (भवि.उ.पु.एक.)
(ख) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में
भविष्यत्काल के उत्तम पुरुष एकवचन में विकल्प से ‘स्सा और हा' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़े जाते हैं, इनको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष एकवचन का 'मि' प्रत्यय भी जोड़ दिया जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। जैसे(हस+स्सा+मि) = हसिस्सामि, हसेस्सामि= (मैं) हँसूंगा/हँसूंगी। (भवि.उ.पु.एक.)
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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