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श्रेष्ठ टीम के साथ इस उम्र में भी इन प्राकृत अपभ्रंश भाषाओं की सेवा में संलग्न हैं, यह देखकर हम लोगों को प्रसन्नता तो होती ही है, साथ ही प्रोत्साहन और प्रेरणा भी प्राप्त होती हैं। हम भी सदा आपके मार्गदर्शन के इच्छुक रहते हैं। आपके स्वास्थमय दीर्घ जीवन की शुभकामनाओं के साथ
प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष
जैनदर्शन विभाग सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय
.. वाराणसी
एवं
निदेशक बी. एल. प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान
दिल्ली
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