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________________ सप्तमी एकवचन 7/1 54. प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग तथा स्त्रीलिंग अम्ह सर्वनाम के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'मि, मइ, ममाइ, मए, में होते हैं। अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - मि, मइ, ममाइ, मए, मे (सप्तमी एकवचन) 55. सप्तमी एकवचन 7/1 प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग तथा स्त्रीलिंग अम्ह सर्वनाम के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'अम्ह, मम, मह, मज्झ' करके म्मि प्रत्यय भी जोड़ा जाता है। अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - अम्हम्मि, ममम्मि, महम्मि, मज्झम्मि (सप्तमी एकवचन) तथा अम्हे, ममे, महे, मझे, अम्हस्सिं, अम्हत्थ, ममस्सि, ममत्थ, महस्सि, महत्थ, मज्झस्सि, मज्झत्थ भी होते हैं। (पिशल, प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, पृष्ठ-610) -- ---- ---- ------ --- ----------- सप्तमी बहुवचन 7/2 56.. प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग तथा स्त्रीलिंग अम्ह सर्वनाम के सप्तमी विभक्ति बहुवचन में 'अम्ह, मम, मह, मज्झ' करके सप्तमी बोधक सु और सुं प्रत्यय जोड़े जाते हैं तथा अन्त्य अ का ए हो जाता है। अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - अम्हेसु, ममेसु, महेसु, मज्झेसु, अम्हेसुं, ममेसुं, महेसुं, मज्झेसुं (सप्तमी बहुवचन) तथा अम्हसु, ममसु, महसु, मज्झसु, अम्हासु भी होते हैं। (हेमचन्द्र की वृत्ति के अनुसार) अम्हसुं, ममसुं, महसुं, मज्झसुं, अम्हासुं भी होते हैं। (1/27) 000 (71) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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