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________________ अकारान्त सर्वनाम (पु.) सप्तमी एकवचन 7/1 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग सव्वादि सर्वनामों के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'स्सिं', 'म्मि' और 'त्थ' प्रत्यय जोड़े जाते हैं किन्तु अकारान्त पुल्लिंग एत सर्वनाम में 'त्थ' जोड़ने पर त का लोप हो जाता है और इम सर्वनाम के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'त्थ' प्रत्यय नहीं जोड़ा जाता है। जैसेसव्व (सब) (पु.) (सव्व+स्सि, म्मि, त्थ) = सव्वस्सिं, सव्वम्मि, सव्वत्थ (सप्तमी एकवचन) त (वह) (पु.) (त+स्सिं, म्मि, त्थ) = तस्सिं, तम्मि, तत्थ ___ (सप्तमी एकवचन) ज (जो) (पु.) (ज+स्सिं, म्मि, त्थ) = जस्सिं, जम्मि, जत्थ (सप्तमी एकवचन) क (कौन) (पु.) (क+स्सिं, म्मि, त्थ) = कस्सिं , कम्मि, कत्थ (सप्तमी एकवचन) अन्न (अन्य) (पु.) (अन्न+स्सिं,म्मि,त्थ) = अन्नस्सिं, अन्नम्मि, अन्नत्थ (सप्तमी एकवचन) एत (यह) (पु.) (एत+स्सिं, म्मि, त्थ) = एतस्सिं, एतम्मि, एतत्थ- एत्थ (सप्तमी एकवचन) इम (यह) (पु.)(इम+स्सिं,म्मि)= इमस्सिं, इमम्मि (सप्तमी एकवचन) अकारान्त सर्वनाम (पु.) . सप्तमी एकवचन 7/1 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग सव्वादि सर्वनामों के सप्तमी विभक्ति एकवचन में विकल्प से 'हिं' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है इम और एत सर्वनाम को छोड़कर। जैसेसव्व (सब) (पु.) (सव्व+हिं) = सव्वहिं (सप्तमी एकवचन) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) (49) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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