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________________ 4. 5. अकारान्त (पु., नपुं.) सप्तमी एकवचन 7/1 मागधी भाषा में अकारान्त पुल्लिंग व नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'आहिं' और 'ए' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसेदेव (पु.) (देव+आहिं, ए) = देवाहिं, देवे (सप्तमी एकवचन ) कमल (नपुं.) (कमल+आहिं, ए) = कमलाहिं, कमले (सप्तमी एकवचन) अकारान्त (पु.) सम्बोधन बहुवचन 8/2 में मागधी भाषा में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के संबोधन बहुवचन 'आहो' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसे देव (पु.) (देव+आहो) = देवाहो (संबोधन बहुवचन) पैशाची प्राकृत भाषा अकारान्त (पु., नपुं.) पंचमी एकवचन 5 / 1 पैशाची प्राकृत में अकारान्त पुल्लिंग व नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के पंचमी विभक्ति एकवचन में 'आतो' और 'आतु' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे देव (पु.) (देव+आतो, आतु) = देवातो, देवातु (पंचमी एकवचन ) कमल (नपुं.) (कमल+आतो, आतु) = कमलातो, कमलातु (पंचमी एकवचन) नोट- शेष विभक्ति प्रत्यय प्राकृत भाषा तथा शौरसेनी भाषा के अनुसार होंगे। प्राकृत-हिन्दी व्याकरण (भाग - 1 ) Jain Education International For Personal & Private Use Only (45) www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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