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________________ कमलत्तो, कमलाओ, कमलाउ, कमलाहि, कमलाहिन्तो, कमला (पंचमी एकवचन) नोट- दीर्घ स्वर के आगे यदि संयुक्त अक्षर हो तो दीर्घ स्वर का हस्व हो जाता है। अकारान्त (नपुं.) पंचमी बहुवचन 5/2 25.(i) प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के पंचमी विभक्ति बहुवचन में अन्त्य 'अ' का 'आ' करके उसमें 'तो', 'दो-ओ', 'दु-उ', 'हि', 'हिन्तो' और 'सुन्तो' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसेकमल (नपुं.) (कमला+त्तो, ओ, उ, हि, हिन्तो, सुन्तो) = कमलात्तोकमलत्तो, कमलाओ, कमलाउ, कमलाहि, कमलाहिन्तो, कमलासुन्तो (पंचमी बहुवचन) नोट- दीर्घ स्वर के आगे यदि संयुक्त अक्षर हो तो दीर्घ स्वर का ह्रस्व हो जाता है। प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के पंचमी विभक्ति बहुवचन में अन्त्य 'अ' का 'ए' करके उसमें 'हि', 'हिन्तो' और 'सुन्तो' प्रत्यय भी जोड़े जाते हैं। जैसेकमल (नपुं.) (कमले+हि, हिन्तो, सुन्तो) = कमलेहि, कमलेहिन्तो, कमलेसुन्तो (पंचमी बहुवचन) -------........ --------- अकारान्त (नपुं.) षष्ठी एकवचन 6/1 26... प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के षष्ठी विभक्ति एकवचन में ‘स्स' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसेकमल (नपुं.) (कमल+स्स) = कमलस्स (षष्ठी एकवचन) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) (15) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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