________________
(क)
पंचमी एकवचन 5/1 हरि (पु.) (हरि+णो) = हरिणो (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - हरित्तो, हरीओ, हरीउ, हरीहिन्तो गामणी (पु.) (गामणी-गामणि+णो) = गामणिणो (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - गामणित्तो, गामणीओ, गामणीउ, गामणीहिन्तो
साहु (पु.) (साहु+णो) = साहुणो (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - साहुत्तो, साहूओ, साहूउ, साहूहिन्तो सयंभू (पु.) (सयंभू-सयंभु+णो) = सयंभुणो (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - सयंभुत्तो, सयंभूओ, सयंभूउ, सयंभूहिन्तो
वारि (नपुं.) (वारि+णो) = वारिणो (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - वारित्तो, वारीओ, वारीउ, वारीहिन्तो महु (नपुं.) (महु+णो) = महुणो (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - महत्तो, महूओ, महूर, महूहिन्तो
षष्ठी एकवचन 6/1 (ख) हरि (पु.) (हरि+णो) = हरिणो (षष्ठी एकवचन)
अन्य रूप - हरिस्स 'गामणी (पु.) (गामणी-गामणि+णो) = गामणिणो (षष्ठी एकवचन) .... अन्य रूप - गामणिस्स
साहु (पु.) (साहु+णो) = साहुणो (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - साहुस्स सयंभू (पु.) (सयंभू-सयंभु+णो) = सयंभुणो (षष्ठी एकवचन) अन्य रूप - सयंभुस्स
. साप
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1)
(11)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org