________________
(ग)
(6)
वारि ( नपुं. ) ( वारि+तो, ओ, उ, हिन्तो, सुन्तो) = वारीत्तोवारित्तो, वारीओ वारीउ, वारीहिन्तो, वारीसुन्तो (पंचमी बहुवचन)
9
=
-
महु ( नपुं. ) (महु+तो, ओ, उ, हिन्तो, सुन्तो) महूत्तो महत्तो, महूओ, महूउ, महूहिन्तो, महूसुन्तो ( पंचमी बहुवचन)
मइ (स्त्री.) (मइ+त्तो, ओ, उ, हिन्तो, सुन्तो) = मईत्तो मइत्तो, मईओ, मईउ, मईहिन्तो, मईसुन्तो ( पंचमी बहुवचन) लच्छी (स्त्री.) ( लच्छी+त्तो, ओ, उ, हिन्तो, सुन्तो) = लच्छीत्तो लच्छित्तो, लच्छीओ, लच्छीउ, लच्छी हिन्तो, लच्छीसुन्तो ( पंचमी बहुवचन)
-
धेणु (स्त्री.) (धेणु +त्तो, ओ, उ, हिन्तो, सुन्तो) = धेणूत्तो धेणुत्तो, ओ, धेणू, हिन्तो, धेणूसुन्तो ( पंचमी बहुवचन) बहू (स्त्री.) (बहू+त्तो, ओ, उ, हिन्तो, सुन्तो) = बहूत्तो - बहुत्तो, बहूओ, बहूउ, बहूहिन्तो, बहसुन्तो ( पंचमी बहुवचन)
नोट- दीर्घ स्वर के आगे यदि संयुक्त अक्षर हो तो दीर्घ स्वर का ह्रस्व हो जाता है।
-
प्राकृत भाषा में इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त पुल्लिंग, इकारान्त-उकारान्त नपुंसकलिंग व इ-ईकारान्त, उ- ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के सप्तमी विभक्ति बहुवचन में 'सु' और 'सुं' प्रत्यय जोड़ने पर ह्रस्व स्वर का दीर्घ हो जाता है और दीर्घ दीर्घ ही रहता है। जैसे
Jain Education International
सप्तमी बहुवचन 7/2
हरि (पु.) (हरि+सु, सुं) = हरीसु, हरीसुं (सप्तमी बहुवचन)
गामणी (पु.) (गामणी+सु, सुं) = गामणीसु, गामणीसुं (सप्तमी बहुवचन)
साहु (पु.) (साहु+सु, सुं) = साहूसु, साहूसुं (सप्तमी बहुवचन) सयंभू (पु.) (सयंभू++सु, सुं) = सयंभूसु, सयंभूसुं (सप्तमी बहुवचन)
For Personal & Private Use Only
प्राकृत-हिन्दी व्याकरण (भाग - 1 )
www.jainelibrary.org