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________________ परिशिष्ट-3 सर्वनाम-रूप यहाँ निम्नलिखित सर्वनामों की रूपावली दी जा रही है। पुल्लिंग सर्वनाम- सव्व, त, ज, क, एत, इम, अन्न, अमु, एक्क नपुंसकलिंग सर्वनाम- सव्व, त, ज, क, एत, इम, अन्न, अमु, एक्क स्त्रीलिंग सर्वनाम-सव्वा, ता, जा, का, एता, इमा, अन्ना,अमु, एक्का पुरुषवाचक सर्वनाम तीनों लिंगों में- तुम्ह, अम्ह नोटः शौरसेनी भाषा में प्रयुक्त होनेवाले सर्वनाम-रूपों को गहरे काले अक्षरों में, मागधी भाषा में प्रयुक्त होनेवाले सर्वनाम-रूपों को रेखांकित अक्षरों में, पैशाची भाषा में प्रयुक्त होनेवाले सर्वनाम-रूपों को तिरछे अक्षरों में तथा अर्धमागधी भाषा में प्रयुक्त होनेवाले सर्वनाम-रूपों को गहरे काले तथा तिरछे अक्षरों में दिखाया गया है। *एअ पुल्लिंग तथा ती, जी की, एआ, एई, इमी स्त्रीलिंग सर्वनामों के लिए प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ (भाग-1), अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर देखी जा सकती है। प्राकृत भाषाओं का व्याकरण-रिचार्ड पिशल पृष्ठ संख्या 1. सर्वनाम- अम्ह, तुम्ह 608-622 2. शेष सर्वनाम 622-643 (132) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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