________________
३८६
मारपप
अट्ठारसमो उद्देसओ - अष्टादश उद्देशक
नौका विहार विषयक प्रायश्चित्त जे भिक्खू अणट्ठाए णावं दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ॥१॥
जे भिक्खू णावं किणइ किणावेइ कीयं आहटु देजमाणं दुरूहइ दुरूहंत वा साइजइ॥२॥
जे भिक्खू णावं पामिच्चइ पामिच्चावेइ पामिच्चं आहट्ट देजमाणं दुरूहइ दुरुहंतं वा साइजइ॥३॥ .. जे भिक्खू णावं परियट्टेइ परियट्टावेइ परियट्टे आह१ देज्जमाणं दुरूहइ दुरूहंतं वा साइज्जइ॥४॥
जे भिक्खू णावं अच्छेज्जं अणिसिटुं अभिहडं आहट्ट देजमाणं दुरूहइ दुरूहंतं वा साइजइ॥५॥ .
जे भिक्ख थलाओ णावं जले ओकसावेइ ओकसावेंतं वा साइज्जड़॥६॥ जे भिक्ख जलाओ णावं थले उक्कसावेइ उक्कसावेंतं वा साइज्जइ॥७॥ जे भिक्खू पुण्णं णावं उस्सिंचइ उस्सिंचंतं वा साइजइ॥८॥ जे भिक्ख सण्णं णावं उप्पिलावेइ उप्पिलावेंतं वा साइजइ॥९॥ जे भिक्खू पडिणावियं कटु णावाए दुरूहइ दुरूहंतं वा साइजइ॥१०॥
जे भिक्खू अगामिणिं वा णावं अहोगामिणिं वा णावं दुरूहइ दुरूहंतं वा साइज्जइ॥ ११॥
जे भिक्खू जोयणवेलागामिणिं वा अद्धजोयणवेलागामिणिं वा णावं दुरूहइ दुरूहंतं वा साइज्जइ॥ १२॥
जे भिक्खू णावं आकसइ आकसावेइ आकसावेंतं वा साइजइ॥ १३॥ जे भिक्खू णावं खेवावेड़ खेवावेंतं वा साइजइ॥ १४॥ जे भिक्खूणावं रज्जुणा वा कट्टेण वा कड्डइ कहूतं वा साइजइ॥१५॥
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org