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अनुज्ञा नदी..................................... (जो लोकोत्तर (जैन मत के) देव गुरु, सचित्त द्रव्य विषयक अनुज्ञा देते हैं, 'वह सचित्त लोकोत्तर द्रव्य अनुज्ञा' है)
उत्तर - जैसे मान लो कोई १. आचार्य हैं-व्याख्याकाः मुनिराज हैं अथवा संघ में ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप और वीर्य रूप पाँच आचार पलवाने के लिए नियुक्त मुनिराज हैं अथवा २. उपाध्याय हैंसूत्रार्थ प्रदाता है या संघ में ज्ञानाचार, दर्शनाचार ये दो पलवाने के लिए नियुक्त मुनिराज हैं अथवा ३. प्रवर्तक हैं-संघ नायक की आज्ञा का संघ या संघाटक में प्रवर्तन कराने वाले मुनिराज हैं अथवा ४. स्थविर हैं-संघ के चलचित्त बने हुए साधु आदि को स्थिरचित्त बनाने वाले मुनिराज हैं अथवा ज्ञान संयम या वय में वृद्ध हैं या ५. गणी हैं-गण के आचार्य हैं अथवा संघ नायक आचार्य को पढ़ाने वाले मुनिराज हैं अथवा ६. गणधर हैं-गण के धारण करने वाले मुनिराज हैं अथवा साध्वी संघ की व्यवस्था का चिन्तन करने वाले मुनिराज हैं अथवा ७. गणावच्छेदक हैं-गच्छ की उपकरण, सेवा आदि की व्यवस्था का ध्यान रखने वाले मुनिराज हैं, वे किसी शिष्य या शिष्या पर, सेवा आदि किसी कारण से सन्तुष्ट होकर शिष्य शिष्या की अनुज्ञा देते हैं अर्थात् किसी शिष्य शिष्या को उनकी निश्रा में-नेतृत्व में, शिष्य शिष्या के रूप में प्रदान करते हैं अथवा सेवा विचरण आदि के लिए पहले की गई साधु-साध्वी सम्बन्धी याचना को पूरी करते हैं, तो वह सचित्त लोकोत्तर द्रव्य अनुज्ञा है।
से किं तं अचित्ता लोगुत्तरिया दव्वाणुण्णा? अचित्ता लोगुत्तरिया दव्वाणुण्णासे जहाणामए आयरिए इ वा, उवज्झाए इ वा, पवत्तए इ वा, थेरे इ वा, गणी इ .वा, गणहरे इ वा, गणावच्छेयए इ वा, सीसस्स वा, सिस्सणीए इ वा, कम्मि कारणम्मि तुढे समाणे वत्थं वा, पायं वा, पडिग्गहं वा, कंबलं वा, पायपुच्छणं वा, अणुजाणिज्जा। से त्तं अचित्ता लोगुत्तरिया दव्वाणुण्णा।
प्रश्न - वह अचित्त लोकोत्तर द्रव्य अनुज्ञा क्या है? ...
उत्तर - जैसे कोई १. आचार्य २. उपाध्याय ३. प्रवर्तक ४. स्थविर ५. गणी ६. गणधर या ७. गणावच्छेदक हैं, वे किसी शिष्य-शिष्या को किसी कारण से सन्तुष्ट होकर १. वस्त्र २. पात्र (आहार के पात्र) ३. पतद्ग्रह (शौच का पात्र) ४. कंबल या ५. पादपोंच्छन या अन्य अचित्त उपकरण की अनुज्ञा देते हैं, तो वह अचित्त लोकोत्तर द्रव्य अनुज्ञा है।
से किं तं मीसिया लोगुत्तरिया दव्वाणुण्णा? मीसिया लोगुत्तरिया दव्वाणुण्णासे जहाणामए आयरिए इवा, उवज्झाए इवा, पवत्तए इवा, थेरे इवा, गणी इ . 'वा, गणहरे इ वा, गणावच्छेयए इ वा, सीसस्स वा, सिस्सणीए इ वा, कम्मि
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