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________________ विषयानुक्रमणिका wr ; क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या क्रमांक विषय _ पृष्ठ संख्या १. तीर्थकर स्तुति ४.हीयमान अवधिज्ञान २. महावीर स्तुति ५. प्रतिपाति अवधिज्ञान ३. संघ स्तुति ६. अप्रतिपाति अवधिज्ञान ४. तीर्थंकर आवलिका ११/१६. अवधिज्ञान का विषय ५. गणधर आवलिका ११/१७. अवधिज्ञान का उपसंहार ६. प्रवचन स्तुति १२ १८. मनःपर्यवज्ञान स्थविर आवलिका १९. मनःपर्यवज्ञान का स्वामी. पात्र विषयक चौदह दृष्टांत २०. मनःपर्यवज्ञान के भेद . १. मुद्गशैल का दृष्यंत २१. मनःपर्यवज्ञान का विषय २. घट का दृष्टांत २२. मनःपर्यवज्ञान का उपसंहार . ३. चलनी का दृष्टांत २३. केवलज्ञान ४-५. परिपूणक और हंस का दृष्टांत २७/२४. केवलज्ञान का स्वामी ६-७. भैंसे और मेढे का दृष्टांत २५. केवलज्ञान का विषय ८-९. मच्छर और जलौका का दृष्टांत २८ २६. केवलज्ञान का उपसंहार १०-११. बिल्ली और जाहक का दृष्टांत २८ मति ज्ञान १२. गौ-सेवी ब्राह्मणों का दृष्टांत २८. मतिज्ञान के भेद १०१ १३. भेरीवादक का दृष्टांत २९. औत्पत्तिकी बुद्धि के २७ दृष्टांत १०३ १४. अहीर-अहीरन का दृष्टांत १.रोहक की बुद्धिमत्ता के १५ दृष्टांत ९. परिषद् लक्षण १.रोहक का माता से बदला लेना १०३ १०. ज्ञान के भेद २.शिला की छत १०६ ११. इन्द्रिय प्रत्यक्ष ३. मेढे का वजन १०७ १२. अनिन्द्रिय प्रत्यक्ष ४.मुर्गे का युद्धाभ्यास १०७ १३. अवधिज्ञान ५.तिलों की गिनती १०८ १४. अवधिज्ञान का स्वामी ६.बालू की रस्सी १०८ ७.हाथी की मौत १५. अवधिज्ञान के भेद ८.कूप प्रेषण १. आनुगामिक अवधिज्ञान ९.वन की दिशा परिवर्तन ११० २. अनानुगामिक अवधिज्ञान १०. खीर बनाना ३. वर्द्धमान अवधिज्ञान ११.रोहक का उज्जयिनी आगमन १११ १०९ ११० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004198
Book TitleNandi Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParasmuni
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages314
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size7 MB
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