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________________ ३०४ ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र | Soccakccccccccccceesaacksacralaceccccccccionaceaees णिब्भ(त्थि)च्छिए समणगुणमुक्कजोगी थेराणं अंतियाओ सणियं २ पच्चोसक्कइ २ त्ता जेणेव पुंडरिगिणी णयरी जेणेव पुंडरीयस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता असोगवणियाए असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टगंसि णिसीयइ २ त्ता ओहयमण संकप्पे ज़ाव झियायमाणे संचिट्टइ।. शब्दार्थ - अवस्सवसे - बाध्यतावश। भावार्थ - राजा पुंडरीक के इस कथन को अनगार कंडरीक ने आदर नहीं दिया यावत् उस पर ध्यान नहीं दिया, चुपचाप बैठा रहा। तब पुंडरीक ने दूसरी बार, तीसरी बार भी वैसा ही कहा। वैसा किए जाने पर, वह न चाहता हुआ भी, बाध्यतावश, लज्जा और साधु जीवन की गरिमा को देखते हुए, राजा पुंडरीक से पूछ कर स्थविर भगवंतों के साथ जनपद विहार हेतु निकल गया। कुछ समय वह उग्र विहार करता रहा किंतु बाद में वह श्रमण जीवन के पालन में परिश्रांति, उद्विग्नता अनुभव करने लगा। उसे श्रमण जीवन अनिष्ट, परिहेय लगने लगा। श्रमण जीवन के गुणानुरूप चलने में उसके मानसिक, वाचिक, कायिक योग अस्थिर हो गए। वह स्थविर भगवंत के पास से, चुपके से चला गया। पुंडरीकिणी नगरी पहुँचा। वहाँ राजा पुंडरीक के भवन के निकट गया। वहाँ अशोक वाटिका में उत्तम अशोक वृक्ष के नीचे, पृथ्वी शिलापट्ट पर बैठा तथा अस्थिर चित्त होता हुआ यावत् आर्तध्यान में लग गया। (१७) तए णं तस्स पोंडरीयस्स अम्मधाई जेणेव असोग वणिया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता कंडरीयं अणगारं असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टगंसि ओहयमण-संकप्पं जाव झियायमाणं पासइ २ त्ता जेणेव पुंडरीए राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पुंडरीयं रायं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! तव पिउ(य)भाउए कंडरीए अणगारे असोगवणियाए असोगवरपायवस्स अहे षुढविसिलापट्टे ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ। __ भावार्थ - उस समय पुंडरीक की धायमाता अशोकवाटिका में आई। उसने अनगार । कंडरीक को अशोकवृक्ष के नीचे शिलापट्ट पर आर्त्तध्यानरत देखा। उसे, उस स्थिति में देखकर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004197
Book TitleGnata Dharmkathanga Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages386
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size7 MB
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