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श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ साहित्य रत्न माला का ११७ वा रत्न
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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
भाग २ (अध्ययन ६ से १६ एवं द्वितीय श्रुतस्कन्ध) (शुद्ध मूल पाठ, कठिन शब्दार्थ, भावार्थ एवं विवेचन सहित)
सम्पादक नेमीचन्द बांठिया पारसमल चण्डालिया
- अनुवादक प्रो० डॉ० छगनलाल शास्त्री एम. ए. (त्रय), पी. एच.डी., काव्यतीर्थ, विद्यामहोदधि
महेन्द्रकुमार रांकावत बी.एस.सी. एम. ए., रिसर्च स्कॉलर
-प्रकाशक श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर _ शाखा-नेहरू गेट बाहर, ब्यावर-३०५१०१ ॐ : (०१४६२) २५१२१६, २५७६६६, फेक्स २५०३२८
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