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क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या १०. एक समय में देवोत्पत्ति २७६ |
पंचविधाख्या चतुर्थ प्रतिपत्ति ११.वैमानिक देवों में से अपहार २७६/ ० १२.वैमानिक देवों कीशरीरावगाहना २७७/६४. पांच प्रकार के संसारी जीव २९३ १३.वैमानिक देवों में संहनन २७८/६५. पांच प्रकार के संसारी जीवों १४. वैमानिक देवों में संस्थान २७८ | की कायस्थिति
२९४ १५. वैमानिक देवों के शरीर का वर्ण २७९
|६६. पांच प्रकार के संसारी जीवों का अंतर २९६ १६.वैमानिक देवों के शरीर की गंध २७९
६७. पांच प्रकार के संसारी जीवों का १७.वैमानिक देवों के शरीर का स्पर्श २७९ १८. वैमानिक देवों में श्वासोच्छ्वास २८०
अल्पबहुत्व
२९७ १९.वैमानिक देवों में लेश्या
षड्विधाख्या पंचम प्रतिपत्ति २०. वैमानिक देवों में दृष्टि २१.वैमानिक देवों में ज्ञान
६८. छह प्रकार के संसारी जीव : अज्ञान आदि,
२८१ ६९. छह प्रकार के संसारी जीवों की २२. वैमानिक देवों का अवधि क्षेत्र २८१ कायस्थिति और अन्तर
३०१ २३. वैमानिक देवों में समुद्घात २८२ |७०. छह प्रकार के संसारी जीवों का २४.वैमानिक देवों में बुधा-पिपासा
अल्पबहुत्व
३०३ २५.वैमानिक देवों में विकुर्वणा २८३ ७१. सूक्ष्म जीवों का स्वरूप
३०५ २६. वैमानिक देवों में साता सौरव्य २८४ २७. वैमानिक देवों की ऋद्धि २८५
७२. सूक्ष्म जीवों की काय स्थिति ३०६ २८.वैमानिक देवों की विभूषा
७३. सूक्ष्म जीवों का अन्तर २९. वैमानिक देवियों की विभूषा
सूक्ष्म जीवों का अल्पबहुत्व ३०७ ३०. वैमानिक देवों में कामभोग
७५. बादर जीवों का स्वरूप ३१. वैमानिक देवों की स्थिति और
|७६. बादर जीवों की कायस्थिति ३०९ उद्वर्तना ७७. बादर जीवों का अन्तर
३११ ३२. समुच्चय रूप में भव स्थिति आदि २९०
३०६
२८७
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