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________________ स्थान १० ३३५ ४. रसनेन्द्रिय मुण्ड - रसनेन्द्रिय के विषयों में आसक्ति का त्याग करने वाला। ५. स्पर्शनेन्द्रिय मुण्ड- स्पर्शनेन्द्रिय के विषयों में आसक्ति का त्याग करने वाला। ६. क्रोध.मुण्ड - क्रोध छोड़ने वाला। ७. मान मुण्ड - मान का त्याग करने वाला। ८. माया मुण्ड - माया अर्थात् कपटाई छोड़ने वाला। ९. लोभ मुण्ड - लोभ का त्याग करने वाला। १०. सिर मुण्ड - सिर मुंडाने वाला अर्थात् दीक्षा लेने वाला। दशविध प्रत्याख्यान दसविहे पच्चक्खाणे पण्णत्ते तंजहा - अणागयमइक्कंतं कोडीसहियं णियंटियं चेव । सागारमणागारं परिमाणकडं णिरवसेसं ॥ संकेयं चेव अद्धाए, पच्चक्खाणं दसविहं तु । सामाचारी भेद दसविहा सामायारी पण्णत्ता तंजहा - इच्छा, मिच्छा, तहक्कारो, आवस्सिया, णिसीहिया । आपुच्छणा, य पडिपुच्छणा, छंदणा, य णिमंतणा ॥ उवसंपया, य काले सामायारी भवे दसविहा उ॥ १२९॥ कठिन शब्दार्थ - पच्चक्खाणे - पच्चक्खाण-प्रत्याख्यान, अइक्कतं - अतिक्रान्त, कोडीसहियंकोटि सहित, णियंटियं - नियन्त्रित, परिमाणकडं - परिमाणकृत, हिरवसेसं - निरवशेष, संकेयं - संकेत, सामायारी - सामाचारी, तहक्कारो - तथाकार, आवस्सिया - आवश्यिकी, णिसीहिया - नैषेधिकी, छंदणा - छन्दना, णिमंतणा - निमंत्रणा । भावार्थ - दस प्रकार का पच्चक्खाण-प्रत्याख्यान कहा गया है यथा - १. अनागत - किसी आने वाले पर्व पर निश्चित किये हुए पच्चक्खाण को उस समय बाधा पड़ती देख कर पहले ही कर लेना । जैसे पर्युषण में आचार्य या ग्लान, तपस्वी की सेवा शुश्रूषा करने के कारण तपस्या में होने वाली अन्तराय को जान कर पहले ही उपवास आदि कर लेना । २. अतिक्रान्त - पर्युषण आदि के समय कोई कारण उपस्थित होने पर बाद में तपस्या आदि करना अर्थात् गुरु, तपस्वी, ग्लान की वैयावृत्य आदि कारणों से जो साधु पर्युषण आदि पर्वो पर तपस्या नहीं कर सकता, वह यदि बाद में उसी तप को करे तो उसे अतिक्रान्त तप कहते हैं । ३. कोटिसहित - जहाँ एक पच्चक्खाण की समाप्ति तथा दूसरे का Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004187
Book TitleSthananga Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages386
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size8 MB
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