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२७४
अनुयोगद्वार सूत्र
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हैं। उनकी तोल के लिए तोला, माशा, रत्ती प्रयोग में नहीं आते हैं, जबकि सारभूत धन के रूप में माने गये स्वर्ण, चांदी, मणि-माणक आदि को तोलने के लिए तोला, माशा आदि का उपयोग किया जाता है। यदि सोना सेर से भी तोला जाये तो उस सोने को अस्सी तोला है, ऐसा कहेंगे। दूसरी बात यह है कि वस्तु के मूल्य के कारण भी उनके मान के लिये अलग-अलग मानक निर्धारित किये जाते हैं। इसलिए उन्मान और प्रतिमान के मूल अर्थ में अन्तर नहीं है, लेकिन उनके द्वारा मापे-तोले जाने वाले पदार्थों के मूल्य में अन्तर है। इसी कारण उन्मान और प्रतिमान का पृथक्-पृथक् निर्देश किया है।
(१३४)
२. क्षेत्र प्रमाण से किं तं खेत्तपमाणे? खेत्तपमाणे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा - पएसणिप्फण्णेय १ विभागणिप्फण्णेय २॥ भावार्थ - क्षेत्र प्रमाण कितने प्रकार का है? क्षेत्र प्रमाण दो प्रकार का बतलाया गया है - १. प्रदेश निष्पन्न तथा २. विभाग निष्पन्न।
प्रदेश निष्पन्न क्षेत्र प्रमाण से किं तं पएसणिप्फण्णे?
पएसणिप्फण्णे-एगपएसोगाढे, दुपएसोगाढे, तिपएसोगाढे जाव संखिज्जपएसोगाढे, असंखिज्जपएसोगाढे। सेत्तं पएसणिप्फण्णे। .
भावार्थ - प्रदेशनिष्पन्न क्षेत्र प्रमाण का क्या स्वरूप है?
एक प्रदेश परिमित अवगाहयुक्त, द्विप्रदेशावगाढ, त्रिप्रदेशावगाढ, (यावत्) संख्येय प्रदेशावगाढ, असंख्येय प्रदेशावगाढ प्रदेश निष्पन्न क्षेत्र प्रमाण है।
विभागनिष्पन्न क्षेत्र प्रमाण से किं तं विभागणिप्फण्णे? विभागणिप्फण्णे -
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