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अनुगम-निरूपण - अल्पबहुत्व निरूपण
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(समस्त आनुपूर्वी द्रव्य) नियमतः सादिपारिणामिक भाव में वर्तनशील होते हैं। अनानुपूर्वी द्रव्य एवं अवक्तव्य द्रव्य भी इसी प्रकार व्याख्येय हैं।
(६०) ____. अल्पबहुत्व निरूपण एएसिं भंते! णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाणं अणाणुपुव्वीदव्वाणं अवत्तव्वगदव्वाण य दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा?
गोयमा! सव्वत्थोवाइं णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं दव्वट्टयाए अणाणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए विसेसाहियाई, आणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए असंखेजगुणाई।
पएसट्टयाए णेगमववहाराणं सव्वत्थोवाई अणाणुपुव्वीदव्वाइं पएसट्टयाए, अवत्तव्वगदव्वाइं पएसट्टयाए विसेसाहियाई, आणुपुव्वीदव्वाई पएसट्टयाए असंखेजगुणाई।
दव्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवाइं णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं दव्वट्ठयाए, अणाणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए अपएसट्टयाए विसेसाहियाई, अवत्तव्वगदव्वाई पएसट्ठयाए विसेसाहियाई, आणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए असंखेजगुणाई, ताई चेव पएसट्टयाए असंखेजगुणाई। सेत्तं अणुगमे। सेत्तं गमववहाराणं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी।
शब्दार्थ - दव्वट्ठयाए - द्रव्यार्थिक, पएसट्टयाए - प्रदेशार्थिक, दव्वट्ठपएसट्टयाए - द्रव्यार्थप्रदेशार्थिक, कयरे - कितने - कौन-कौन से, कयरेहितो - कौन-कौनसों की अपेक्षा से, अप्पा - अल्प, बहुया - बहुत, तुल्ला - तुल्य, विसेसाहिया - विशेषाधिक, सव्वत्थोवाइं - सबसे कम, ताई - वे।
भावार्थ - हे भगवन्! नैगम एवं व्यवहारनय सम्मत आनुपूर्वी द्रव्यों, अनानुपूर्वी द्रव्यों और अवक्तव्य द्रव्यों में से द्रव्यार्थिक, प्रदेशार्थिक तथा द्रव्य प्रदेशार्थिक के अनुसार कौन-कौन से द्रव्य किन-किन द्रव्यों की अपेक्षा से न्यून, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं?
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