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________________ समवतार निरूपण णेगमववहाराणं अवत्तव्वयदव्वाई कहिं समोयरंति ? आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? णो आणुपुव्वीदव्वेंहिं समोयरंति, णो अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति । सेत्तं समोयारे । शब्दार्थ - समोयारे - समवतार, समोयरंति समवतरित समाविष्ट होते हैं। भावार्थ - समवतार का क्या स्वरूप है ? समवतार का वर्णन किया जा रहा है - - ८१ नैगम - व्यवहारनय-सम्मत आनुपूर्वी द्रव्य कहाँ समवतरित होते हैं ? क्या आनुपूर्वी द्रव्यों में, अनानुपूर्वी द्रव्यों में अथवा अवक्तव्य द्रव्यों में समवतरित होते हैं ? नैगम एवं व्यवहारनय सम्मत आनुपूर्वी द्रव्य, आनुपूर्वी द्रव्यों में समवतरित होते हैं किन्तु अनानुपूर्वी द्रव्यों अथवा अवक्तव्यों में समवतरित नहीं होते । नैगम एवं व्यवहारनय सम्मत अनानुपूर्वी द्रव्य कहाँ समवतरित होते हैं? क्या वे आनुपूर्वी द्रव्यों में समवतरित होते हैं ? ( क्या ) अनानुपूर्वी द्रव्यों में समवतरित होते हैं ? ( क्या) अवक्तव्य द्रव्यों में समवतरित होते हैं? वे आनुपूर्वी द्रव्यों एवं अवक्तव्य द्रव्यों में समवतरित नहीं होते। वे अनानुपूर्वी द्रव्यों में समवतरित होते हैं। Jain Education International नैगम और व्यवहारनय सम्मत अवक्तव्य द्रव्य कहाँ समवतरित होते हैं? (क्या) वे आनुपूर्वी द्रव्यों में समवतरित होते हैं? अनानुपूर्वी द्रव्यों में समवतरित होते हैं (अथवा ) अवक्तव्य द्रव्यों में समवतरित होते हैं ? (अवक्तव्य द्रव्य) आनुपूर्वी द्रव्यों में एवं अनानुपूर्वी द्रव्यों में समवतरित नहीं होते। वे (केवल ) अवक्तव्य. द्रव्यों में समवतरित होते हैं। यह समवतार का स्वरूप है। विवेचन 'समवतार' शब्द में 'सम', 'अव' और 'तार' का योग है। 'सम' का अर्थ सम्यक् या भली भांति है। 'अव समन्तात्' - का अर्थ विस्तीर्ण या विशद रूप में है । भली भांति यथावत् रूप में समावेश होना समवतार का आशय है। यह समवतार या समावेश सम पक्षों में या समान में ही होता है। असमान या विसदृश में नहीं । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004183
Book TitleAnuyogdwar Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2005
Total Pages534
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size9 MB
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