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उत्तराध्ययन सूत्र - छतीसवाँ अध्ययन 0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
सागरोवममेगं तु, उक्कोसेण वियाहिया। पढमाए जहण्णेणं, दसवाससहस्सिया॥१६३॥
कठिन शब्दार्थ - सागरोवमं - सागरोपम, एगं - एक, दसवाससहस्सिया - दस हजार वर्ष की। ___ भावार्थ - पहली नरक में जघन्य स्थिति दस हजार वर्ष की है और उत्कृष्ट एक सागरोपम की है।
तिण्णेव सागराऊ, उक्कोसेण वियाहिया। दोच्चाए जहण्णेणं, एगं तु सागरोवमं॥१६४॥ कठिन शब्दार्थ - तिण्णेव - तीन, सागराऊ - सागरोपम, दोच्चाए - दूसरी।
भावार्थ - दूसरी नरक में जघन्य-स्थिति एक सागरोपम की और उत्कृष्ट तीन सागरोपम की कही गई है।
सत्तेव सागराऊ, उक्कोसेण वियाहिया। तइयाए जहण्णेणं, तिण्णेव सागरोवमा॥१६५॥
भावार्थ - तीसरी नरक में जघन्य स्थिति तीन सागरोपम की है और उत्कृष्ट सात सागरोपम की कही गई है।
दस सागरोवमाऊ, उक्कोसेण वियाहिया। चउत्थीए जहण्णेणं, सत्तेव सागरोवमा॥१६६॥ .
भावार्थ - चौथी नरक में जघन्य-स्थिति सात सागरोपम की है और उत्कृष्ट दस सागरोपम की कही गई है।
सत्तरस सागराऊ, उक्कोसेण वियाहिया। पंचमाए जहण्णेणं, दस चेव सागरोवमा॥१६७॥
भावार्थ - पांचवीं नरक में जघन्य स्थिति दस सागरोपम की है और उत्कृष्ट सतरह सागरोपम की कही गई है।
बावीस सागराऊ, उक्कोसेण वियाहिया। छट्ठीए जहण्णेणं, सत्तरस सागरोवमा॥१६८॥
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